Last modified on 29 जून 2017, at 12:21

जीवण / दुष्यन्त जोशी

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:21, 29 जून 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=अ...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

मुळक
कदी-कदी
दीखै थारै मुंडै

अर दरद
चिपाए राखौ
टैम-बेटैम

आओ
आपां जीवण नै समझां
अर
अेकदूजै सूं
करां प्रेम।