भलांईं
काछुवै दांईं चाल
पण खड़्यौ ना रह अबोलौ
खड़्यौ पाणी भी
लाग जावैै बांसण
माणस टुरतौ-फिरतौ
अर पाणी बैं'वतौ
करै बधेपौ
जग सारू
अर खुद सारू।
भलांईं
काछुवै दांईं चाल
पण खड़्यौ ना रह अबोलौ
खड़्यौ पाणी भी
लाग जावैै बांसण
माणस टुरतौ-फिरतौ
अर पाणी बैं'वतौ
करै बधेपौ
जग सारू
अर खुद सारू।