Last modified on 13 जून 2008, at 08:20

लम्हों की / विजय वाते

भीख लम्हों की, प्यास लम्हों की|
ये कहानी है खास लम्हों की|

मेरी गोदी मई चांद लेटा है,
मेरी चादर उदास लम्हों की|

सात घोडे हैं, एक रास्ता है,
किसने थमी है रास लम्हों की

उफ़ गज़ब की ये जानलेवा हैं,
दस्तकें आस-पास लम्हों की|

बात मत कर 'विजय' रिहाई की,
जिंदगानी है दास लम्हों की|