Last modified on 8 जुलाई 2017, at 16:38

समरपण / ॠतुप्रिया

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:38, 8 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=सपनां...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


किणी नै
साथै राखणौ ओखौ
अर
किणी रै
साथै रैवणौ ओखौ

पण
आज्यै समरपण भाव
तद
सौ’कीं सोखौ।