Last modified on 8 जुलाई 2017, at 16:45

काळीबंगा : दोय / ॠतुप्रिया

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 16:45, 8 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=सपनां...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

थेहड़ में मिली
सुहागणां री
भांत-भंतीली
रंग-रंगीली चूड़्यां
अर मोती मिणियां

कदी सज-धज’र
बै रिझांवती
आपरै रांझै नै
अर
कदी करती बजारिया

सपनां संजोवती हीरां
लागै
भथूळियै साथै बै’गी

का पछै
बणगी दीखै थेहड़
आपरै रांझै साथै।