Last modified on 8 जुलाई 2017, at 17:09

औळमो / ॠतुप्रिया

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 17:09, 8 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ॠतुप्रिया |अनुवादक= |संग्रह=सपनां...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पाखियां सारू
पळींडौ
बणा तो दियौ
छात माथै
पण
पाखी आज भी तरसै
पाणी सारू

पाखी
किण नै द्यै औळमौ

घर रा
सगळा उळझ्योड़ा है
आप-आप रै
काम में।