Last modified on 11 जुलाई 2017, at 21:57

अन्तर / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:57, 11 जुलाई 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=चन्द्रप्रकाश जगप्रिय |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

फतिंगा नें
फतिंगी सें कहलकै-
आदमी जत्ती बाहर सें
साफ-सुथरा लागै छै
ओकरा सें बेशी
ओकरोॅ मोॅन काला छै
कोयले के खादान में/हरेक बरीस
सौ बौ मजदूर दैब के मरै छै
मुरदा आदमी के
कारोॅ मोॅन के भीतर तेॅ
हजार भी कम्में पड़ै छै ।