बुआर नें
बुआरनी सें कहलकै
होय गेलै आधोॅ रात
चलोॅ-चलोॅ नदी किनारा
सिक्का नै
हजार-पांच सौ के नोट पैबै
आय भरपेट खैबै।
ई/आठ नवम्बर/१६ कभी नै भुलवै।
बुआर नें
बुआरनी सें कहलकै
होय गेलै आधोॅ रात
चलोॅ-चलोॅ नदी किनारा
सिक्का नै
हजार-पांच सौ के नोट पैबै
आय भरपेट खैबै।
ई/आठ नवम्बर/१६ कभी नै भुलवै।