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भूल-2 / चन्द्रप्रकाश जगप्रिय

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कुत्ता नें
कुतिया सें कहलकै
रास्ता में थैला पड़ल रहै
नोट सें भरल रहै
जे खाली रहै
ओकरा मूत सें भैर देलियै,
ऊ थैला आदमी उठाय केॅ
माथा पर रैख लेलकेॅ
जे मूत ओकरा माथा पर
टप-टप चू रहल छै
आदमी पसीना समझ केॅ पोछ रहल छै
आरो खुश होयकेॅ जाय रहल छै।