कुत्ता नें
कुतिया सें कहलकै
रास्ता में थैला पड़ल रहै
नोट सें भरल रहै
जे खाली रहै
ओकरा मूत सें भैर देलियै,
ऊ थैला आदमी उठाय केॅ
माथा पर रैख लेलकेॅ
जे मूत ओकरा माथा पर
टप-टप चू रहल छै
आदमी पसीना समझ केॅ पोछ रहल छै
आरो खुश होयकेॅ जाय रहल छै।