ककोहरा नें
ककोहरनी सें कहलकै
आदमी सभ्य कहलावै छै
रहै छै सभ्य के वस्ती में
मुदा असभ्य नाँखी करै छै व्यवहार
ओकरा सें कोनो कुकर्म बाँकी नै रहै छै
फिर भी आदमी कहलावै छै।
ककोहरा नें
ककोहरनी सें कहलकै
आदमी सभ्य कहलावै छै
रहै छै सभ्य के वस्ती में
मुदा असभ्य नाँखी करै छै व्यवहार
ओकरा सें कोनो कुकर्म बाँकी नै रहै छै
फिर भी आदमी कहलावै छै।