सुनोॅ हो बाबू केॅ कहिया,
किस्सा पे किस्सा कहै तहिया
अल्ला के रूदल के, बाबू कुवॅर सिंह के
झांसी के किस्सा कहै जहिया।
राणा के बाना से
खूदी, भगत सिंह, आजादी के सेना
गाँधी के चिन्ता कि मिलतै इ केना
सुभास सोची के थैली मेॅ कोची के
घुमैै आजादी के पहिया।