Last modified on 5 अक्टूबर 2017, at 19:02

जीवन / अनिरुद्ध प्रसाद विमल

Rahul Shivay (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:02, 5 अक्टूबर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अनिरुद्ध प्रसाद विमल |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

अपनी खुशी न देखकर
जो देखे, जन-जन की खुशी
जीवन तो वही जीवन है !
जले शत बार
पर शिकायत न आये अधरों पर,
हँसता रहे
जीवन तो वही जीवन है ।
हृदय में पीड़ा को दबाये
आकांक्षाओं को छुपाये,
जो जले
जीवन तो वही जीवन है ।