Last modified on 15 अक्टूबर 2017, at 08:13

गुप्त समझौते / पूनम अरोड़ा 'श्री श्री'

Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 08:13, 15 अक्टूबर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पूनम अरोड़ा 'श्री श्री' |अनुवादक= |...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

पिता के पाप
गर्भ में ही संतानों की आँखों में होते हैं.
क्यूँकि ईश्वर सहूलियत चाहता है.

संताने ठीक जन्म के समय
अपना पितृक़र्ज़ चुका देती हैं.

इसलिए युगों के अंतराल में
पिताओं के पाप
बिना किसी आज्ञा के समाप्त करती हैं संताने.