Last modified on 20 अक्टूबर 2017, at 12:52

वक्तसाज़ उम्र / सुरेश चंद्रा

Anupama Pathak (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:52, 20 अक्टूबर 2017 का अवतरण

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

वक्तसाज़ उम्र
अगले मोड़ रुकना

कितना पीछे रह गयीं
साँस-साँस बोझिल हसरतें

सुस्त-क़दम बेपरवाह वादे,
हाँफती उम्मीद से पुकारते हैं

तेज़ रफ़्तार में छिटक कर गिरा
अधूरापन, ऊँची आवाज़ देता है

साथ जो था सपनों का सौदागर
छोड़ता ही नहीं भरकम गठरी अपनी

ये सभी पुराने साथी ठहरे

ज़रा तो मोहलत दे,
इक दफ़ा तो फिर,
इनकी सोहबत दे

वक्तसाज़ उम्र
अगले मोड़ रुकना