आने वाले समय तू डराता है क्यूँ
एक घर सपनों में रोज़ आता है क्यूँ ...
मैं जो चाहूँ किसी को तो क्या हो गया
कुछ मिला ही कहाँ है जो सब खो गया
मैं किसी को मुझे कोई भाता है क्यूँ ...
छोटे बच्चे बड़े हो रहे हैं तो क्या
मेरी गोदी में ही रो रहे हैं तो क्या
उनका हँसना मुझे ही रुलाता है क्यूँ ...
मैं जो कहता हूँ कोई अकेला न हो
ज़िन्दगी में दुखों का ये मेला न हो
मुझसे कोई भला ख़ौफ़ खाता है क्यूँ ...