Last modified on 19 नवम्बर 2017, at 01:55

इसके पहले / स्वप्निल श्रीवास्तव

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:55, 19 नवम्बर 2017 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=स्वप्निल श्रीवास्तव |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

 इसके पहले कि घोड़े बिदक जाएँ
अपने हाथ में मज़बूती से
रखो लगाम
रकाब पर जमाए रहो अपने पाँव
कभी – कभी पीठ पर फटकारते
रहो कोड़े

इन घोड़ो का नहीं है कोई ईमान
जो इन्हें घास दिखाता है
उसी तरफ़ दौड़े चले आते हैं

हर दौर में होते है
अच्छे – बुरे घोड़े

कुछ घोड़े युद्ध के वफ़ादार
सैनिक होते हैं
कुछ घोड़े पीठ से उछाल कर
अधबीच रास्ते में छोड़ देते हैं

जोख़िम से भरा हुआ है
घोड़ों का इतिहास
इसलिए अच्छी नस्ल के घोड़े
चुने
अन्यथा बुरे घोड़े तुम्हें
रौंद देंगे