वो चेहरा
जो मेरा
अपना जैसा था,
जिसे मैं
अपने ही
चेहरे की तरह
पहचानता था,
आज उससे भी
मैं डर रहा हूँ।
काँपता हुआ
यह चेहरा
जो पहले मेरा था
इसे मैं
काँपते हुए
नहीं जानता था,
उसने सोचा।
उसका सोचना
किसी दर्पण में
बहुत काँपता हुआ
कोई चेहरा था
जिसे
पहचानने से
वह डर रहा था।