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गुब्बारा / कन्हैयालाल मत्त

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लगता कितना प्यारा-प्यारा
रंग-बिरंगा यह गुब्बारा !

कभी तैरता, डुबकी खाता,
खुली हवा में नाच दिखाता,
मन बहलाता ख़ूब हमारा,
रंग-बिरंगा यह गुब्बारा !

डोरी के बल ठुमके खाता,
लहर-लहर पर है लहराता,
जगमग करता है नभ सारा,
रंग-बिरंगा यह गुब्बारा !

अगर हाथ से छुट जाएगा,
ऊँचा-ऊँचा उठ जाएगा,
बन जाएगा एक सितारा,
रंग-बिरंगा यह गुब्बारा !