तरस बेवफा पर न खाएंगे हम।
तुम्हें आज से भूल जाएंगे हम।
हुआ सो हुआ ख़त्म कर दो यहीं,
किसी को नहीं कुछ बताएंगे हम।
बहुत बार समझा चुके हैं तुम्हें,
लगातार धोखे न खाएंगे हम।
सुनो बात मेरी बड़े गौर से,
तुम्हें तो नहीं अब बुलाएंगे हम।
निकल 'ज्ञान' लो तुम बड़े शौक से,
न नखरे तुम्हारे उठाएंगे हम।