बेस्वादी पड़ीं जिन्दगी मा
उलार कु तुड़का डाळ दौं ।
चलदी-ढलदी यीं ज्वानी का
कुछ पल त संभाळ दौं ।
लटुलि सेती होणीं न त,
हरबल काळी मेंदी लगौ ।
झुर्रिंयों तैं नि दिखेण दे,
हैवी वाळू फेसियल चढौं ।।
तिड़यीं-फट्यीं हुंठड़ी पर,
रंग-बिरंगी लिपस्टिक सजौ ।
सजीली काळी आंख्यों पर,
काळू काळू काजळ लगौ ।।
पर्स का कै खिसा मा कचमुड़यूं,
नौट कखि त निकाळ दौं ।
बेस्वादी पड़ीं जिन्दगी मा
उलार कु तुड़का डाळ दौं ।
धोती-साड़ी भौत ह्वैगि,
टॉप-जिन्स टैट बणौ ।
थोळी घिच्ची भली नी लगदी,
दांतियों कु तू सेट बणौ ।।
सूट दगड़ि मैचिंग करदा,
कनोड़ी का झुमका लगौ ।
ब्यो-बराति मा दगड़यों गैलि,
डी.जे. पर ठुमका लगौ ।।
सेळी पड़यीं उमंग अपड़ी,
सेण नी दे बिजाळ दौं ।
बेस्वादी पड़ीं जिन्दगी मा
उलार कु तुड़का डाळ दौं ।
आंख्यों मा धुंधळाट ऐगे
त फैशनवाळा स्पैक रख ।
गुंदक्याळि हाथ्यों मा अपड़ा,
स्मार्टफोन लेक रख ।।
रोज नई सेल्फी खैंचीक
तू फेसबुकै मा डाळी दी ।
यीं उलार्या ज्वानी की फोटु,
एलबम मा समाळी दी ।।
बुढेन्दा की राति आण सि पैली,
जवानी न स्यवाळ दौं ।
बेस्वादी पड़ीं जिन्दगी मा
उलार कु तुड़का डाळ दौं ।
जवानी का यौं साल दुयौक,
काटी ली दौं मस्ती मा ।
वक्त औणा सी बि पैली,
न अल्झ यीं गिरस्ती मा ।।
मन मारि-मारीक बचायूं,
हैंकका खीसा न कोच दौं ।
रात-दिन औरों कि सोचणी
कुछ अपड़ु बि सोच दौं ।।
जिंदगी कटेण सी पैली,
वक्त अपुक निकाळ दौं ।
बेस्वादी पड़ीं जिन्दगी मा
उलार कु तुड़का डाळ दौं ।
ह्वै अपड़ू जु लैली-खैली,
हंसी-खुशि मा दिन बितैली।
स्वर्ग-नर्ग यखि छन जु
यौं आंख्यों सि दिखी सकेली ।।
बिना उमंग ज्वानी मा बि,
क्वै जवान रै नि सकदु ।
उलार्या पराणी कबि भि,
बुढ्या यख ह्वै नि सकदू ।।
द्वी घड़ी खुशी की अपड़ी,
बाकि सब जंजाळ दौं ।
बेस्वादी पड़ीं जिन्दगी मा
उलार कु तुड़का डाळ दौं ।