Last modified on 27 मार्च 2018, at 10:33

तिमीहरु / विमल गुरुङ

Sirjanbindu (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 10:33, 27 मार्च 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार= विमल गुरुङ |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


तपाई त भर्खर आउनु भो
भैंसी त भिरबाट लडिसक्यो
तपाई त छडी लिएर भर्खर पाल्नुभो
छोरो त अघि नै रुखमा चढिसक्यो
तिमीहरु कुन ईश्वरको आरधनामा तल्लीन छौ
भक्तहरु !
ईश्वर त हिजो नै मरिसक्यो ।