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बज्जिका गान / नवल किशोर प्र. श्रीवास्तव

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हम्मर बज्जिका भासा हए दुनिया में सबसे सुन्दर।
संस्कृति, सील, ग्यान – सब कुछ हए अइ भासा के अन्दर।।
अही बज्जिका भासा में समृद्ध भेल वैशाली,
अही बज्जिका भासा में नचलक-गयलक अम्बपाली,
भूतकाल में इ भासा त∙ अजबे शक्ति देखओलक,
कविता, नाटक, गीत आदि कोविद जन से लिखवओलक,
बज्जि देस के सब गरिमा हए अइ भासा के अन्दर,
हम्मर बज्जिका भासा हए दुनिया में सबसे सुन्दर।।

मँगनी राम अही भासा में अप्पन कविता कयलन,
चम्पा रानी गीत अही भासा में अप्पन बनयलन,
ई भासा हए अइसन जेक्कर जोर न लाग सकइअ,
आऊरो भासा टुकुर-टुकुर एकरे ओर तकइअ,
अइ भासा के विभूति भेलन कविकुल श्रेस्ठ सुकेस्वर।
हम्मर बज्जिका भासा हए दुनिया में सबसे सुन्दर।।

वृज्जी संघ में रहे प्रचलित इहे बज्जिका भासा,
धरम, नीति, आध्यात्म आदि के देलक इ परिभासा,
रहल लिच्छवी गणतंत्र के इहे भासा निर्देशक,
अइ भासा में भेल एक-से-एक बरा उपदेसक,
अद्भुत शक्ति छिपल हए साँचो अइ भासा के अन्दर।
हम्मर बज्जिका भासा हए, दुनिया में सबसे सुन्दर।।

अइ भासा के बहिन मैथिली, भोजपुरी भउजाई,
मगही एककर ननद लगइअ, हिंदी एककर माई,
इ भासा निम्मन हए पूनम के चनरमा अइसन,
आउर भासा एकरा आगे हए लग रहल तरेगन,
एकर सब्द मोती-मानिक हए, ई हए स्वयं समुन्दर।
हम्मर बज्जिका भासा हए दुनिया में सबसे सुन्दर।।

सातों सुर के युक्त बज्जिका – बीना हए इ पावन,
जेकरा कएले हटन हाथ में सरोसती जी धारन,
इ भासा हए उ नंदन-वन जेक्कर विभव अनंत,
देख सकइअ कोनो जन सालों भर इहाँ वसंत,
अइ भासा सन कोनो भासा हए न जगत के अन्दर।
हम्मर बज्जिका भासा हए दुनिया में सबसे सुन्दर।।