Last modified on 31 मार्च 2018, at 18:15

ढाणी / ओम पुरोहित कागद

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 18:15, 31 मार्च 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ओम पुरोहित कागद |संग्रह=अंतस री ब...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सगळां रै
सोयां पछै
तूं ईंज्योड़ो
उल्कापिंड।
जको ठा नीं
कठै पड्यो है
अर
जे
ठा भी पड़ै
किणी नै
तो उण नै
के फाईदो ?

ढाणी ताणी
कदै नीं पूगै
रासन री खांड
डागधर
अर
रासन पाणी
क्यूंकै
ढाणी बापड़ी
इण बातां नै
कद जाणी।