मन रै माथै
जम्योड़ी है
मैल री परतां
स्यात
इणी कारण
आपां नीं सीख सकां
प्रेम री बातां
पळपळाट करतै
बरतण दांईं हुवै मन
तद ई दीखै
खुद रौ बिम्ब
खुद नै।
मन रै माथै
जम्योड़ी है
मैल री परतां
स्यात
इणी कारण
आपां नीं सीख सकां
प्रेम री बातां
पळपळाट करतै
बरतण दांईं हुवै मन
तद ई दीखै
खुद रौ बिम्ब
खुद नै।