Last modified on 1 अप्रैल 2018, at 12:47

सुपणां / दुष्यन्त जोशी

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:47, 1 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दुष्यन्त जोशी |अनुवादक= |संग्रह=...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

सुपणां मांय
म्हूं कदी उडूं अकासां
अर
कदी चल्यौ जावूं
पताळ में अचाणचकौई

म्हूं सोचूं
कै
खुद री
मरजी रा
सुपणां ई नीं लेय सकूं
आखी रात।