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तपास / मीठेश निर्मोही

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उण दिन आपै में
कोनीं हा आपां
भूख अर तिरस
भिड़गी ही
मांहौमांह।

वासना री
भूख
कविता री
तिरस
दोन्यूं री अेक ई
तास !

उण दिन ई
व्ही ही
इणरी आ नेगम
तपास।