भाख फाटतां ई नापण लागै आभौ भाजता ई भाजता जावै अछेह अपार ।
लेय दांणौ बावड़ै चीरतां अंधारौ ।
आपरै भाग नै चेत्यां देख फुदकण लागै माळौ । </poem>
भाख फाटतां ई नापण लागै आभौ भाजता ई भाजता जावै अछेह अपार ।
लेय दांणौ बावड़ै चीरतां अंधारौ ।
आपरै भाग नै चेत्यां देख फुदकण लागै माळौ । </poem>