Last modified on 1 अप्रैल 2018, at 15:14

न्याव / मीठेश निर्मोही

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:14, 1 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीठेश निर्मोही |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

गूंगो-बोळौ
आंधौ बण
बदळग्यौ
थूं !

ठावौ
थारौ
मुलकां चावौ
नांव
न्याव !

अटकण लागियौ
थूं,
थारै ई दरूजां
जांणै
रिंधरोही में
भंवतौ मिरगलौ
किस्तूरी री
दौड़।