Last modified on 1 अप्रैल 2018, at 15:18

भरोसौ / मीठेश निर्मोही

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:18, 1 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीठेश निर्मोही |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

घसीज्योड़ी जूत्यां मत भाळौ थे
म्हारै पावंडां राखौ भरोसौ

व्हे जावौ निसंग नचीता
पकावट ई पूगूंला म्हैं
आपरी मजल

भलांई कांटां भरिया मारग
क्यूं नीं व्है
म्है थांरी सीख रै पांण उणनै
वकार लूंला।