Last modified on 1 अप्रैल 2018, at 15:25

जैसांणौ / मीठेश निर्मोही

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:25, 1 अप्रैल 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=मीठेश निर्मोही |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

थारा ई थारी बोली लगावै
नड़ अर फड़ रै ओळावै!

बेचै थारौ मांन-गुमांन
संस्क्रति री छिब
भांत-भांत री
इदक
कळा जात-जात री
अर
चमगूंगा रै उनमांन ऊभौ
नीं बोलै
नीं चालै
थूं !