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मेरा मोहन सुन्दर श्याम सलोना है / रंजना वर्मा

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मेरा मोहन सुन्दर, श्याम सलोना है
प्यार भरा अन्तर का, कोना कोना है

उसका प्यार भरे यदि, प्यास भरे दिल में
व्यर्थ नहीं आँसू से, नयन भिगोना है

भजो श्याम सुन्दर के, पावन चरणों को
बिना साँवरे के हर, भाव अलोना है

आत्म तत्व को जिस ने, जान लिया सच में
नहीं उसे इस जग में, अब कुछ खोना है

नहीं वक्त का पहिया, कोई रोक सका,
होता वही समय पर, जब जो होना है

जब तक यह जीवन है, नित चैतन्य रहो
अंत काल इस धरती, पर ही सोना है

प्राण बसें जब तक तन, भज ले ईश्वर को
हमें स्वयं ही कृत अघ, सारे धोना है