पंडित राजेराम भारद्वाज
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जन्म | 01 जनवरी 1950 |
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जन्म स्थान | लोहारी जाटू, बवानी खेड़ा, भिवानी, हरियाणा |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
विविध | |
'म्हारी संस्कृति म्हारा स्वाभिमान संस्था' द्वारा "हरियाणा संस्कृति रत्न" सम्मान से सम्मानित | |
जीवन परिचय | |
राजेराम भारद्वाज / परिचय |
कुछ प्रतिनिधि सांग
- [[1 चार धाम गंगा-जमना से, 68 तीर्थ के! न्यारे / बाबा छोटूनाथ / राजेराम भारद्वाज]]
- [[2 जिसका कंथ रहै ना पास, कामनी रहती रोज उदास / गोपीचंद-भरथरी / राजेराम भारद्वाज]]
- [[3 हिणा माणस ठाढे तै, मजबुर भी होज्याया करै / शकुन्तला-दुष्यंत / राजेराम भारद्वाज]]
- [[4 प्रकट होगी देबीमाई, चलकै ब्रहमलोक तै आई / सत्यवान-सावित्री / 1 / राजेराम भारद्वाज]]
- [[5 भवानी मात ज्वाला री, समरू देबी नाम तेरा / सत्यवान-सावित्री / 2 / राजेराम भारद्वाज]]
- [[6 तूं है जननी भारत माँ, तेरा जाणै ना कोऐ भा / काव्य-विविधा / 1 / राजेराम भारद्वाज]]
- [[7 समरूं तनै हमेश मैं, करिये बेड़ा पार भवानी री / काव्य-विविधा / 2 / राजेराम भारद्वाज]]
- [[8 मात भवानी री, सबनै मानी शेरावाली री / काव्य-विविधा / 3 / राजेराम भारद्वाज]]
- [[9 गुरू की बाणी आई, याद सब चेल्या नै / गोपीचंद-भरथरी / राजेराम भारद्वाज]]
- 10 जयमल नऐ डिजाईन की ना देखीभाली / काव्य-विविधा / 4 / राजेराम भारद्वाज
- 11 थारी बीरां की जात नै, किसतै नहीं दगा कमाया / कंवर निहालदे-नर सुल्तान / राजेराम भारद्वाज
- 12 कई किस्म के नाच बताऐ, ना बेरा नाचण आली नै / चापसिंह-सोमवती / राजेराम भारद्वाज
- 13 ब्रहमा बैठे फूल कमल पै, सोचण लागे मन के म्हां / चमन ऋषि-सुकन्या / 1 / राजेराम भारद्वाज
- 14 पाण्डू गये आश्रम के म्हां, ले गैल द्रौपदी राणी नै / चमन ऋषि-सुकन्या / 2 / राजेराम भारद्वाज
- 15 शर्याति राजा छत्रधारी, कुटम्ब कबिला सेना सारी / चमन ऋषि-सुकन्या / 3 / राजेराम भारद्वाज
- 16 करके दया बचाले छत्री, भूलु नहीं अहसान तेरा / महात्मा बुद्ध/ 1 / राजेराम भारद्वाज
- 17 नाम देवदत निश्चर बुद्धि, मुर्ख-मूढ़ ग्वार तेरी / महात्मा बुद्ध/ 2 / राजेराम भारद्वाज
- 18 बीत गए युग फिरते-फिरते, चौरासी के फेरे मै / महात्मा बुद्ध / 3 / राजेराम भारद्वाज
- 19 लेख मै 24 बताये, श्री विष्णु के अवतार / महात्मा बुद्ध / 4 / राजेराम भारद्वाज
- 20 टेम-टेम की बात, टेम कै गैल पुराणी हो सै / महात्मा बुद्ध / 5 / राजेराम भारद्वाज
- 21 या दुनिया दुखी फिरै, चक्र मै सारी / महात्मा बुद्ध / 6 / राजेराम भारद्वाज
- 22 किया बखान महात्मा बुद्ध नै, ऐसा कलयुग आवैगा / महात्मा बुद्ध / 7 / राजेराम भारद्वाज