जुगनू?
कोई उड़णों जीव
आकाश में उडणी चीलगाडी
या जगमग करते दिवले री लोपर
बलिदान होणियो
फिड़कलो कोनी
ओतो म्हारै ही से‘र रो
धन सूं धायोड़ो
मंत्री सो मिजाजी
सूदो-आंसूदो
नामी-गिरामी
गाय-जायो
सूरज रो सांड है
ई रो दड़ूकणो
जलम-जात सुभावरी सनद
कमजोर पर काठी धरै
लूंठां सूं डरै। छैरा करै
नईं तो कांई करै?
पांख्यां बारै आवतां पाण
ममोली मीठी ममता रो सागो
सदा सदा वास्ते छूटग्यो
पण जिंयां कियां ही जीग्यो।
आपणी गळी रा ही।।
कुचमादी खुरसंडिया
जुगनू नै
डांगरां भैळै भेळ दियो
बळद बणतो बणतो
जुगनू एक दिन डामीजग्यो
नाथीज्यो कोनी।
अणचां बाई रै सफाखानै सूं
फड़ बजार तांईं
फड़ बजार सूं सब्जी मंडी
कोटगेट अ‘र दो पीरां तांई रै
समूचै सालम हलके रो
लूंठो हाकम
गायां रो रूखाळ
बाछड़ियां रो बेली
भूखै सूदै सांसरां रो
रिछपाळ म्हारो जुगनू।
एकल खोरो कोनी
हुरड़ी कर‘र ढूकणो
अ‘र लोगां रो कूकणो
सरावण जोग
समय सारू ओपतो
मोत सूं पैली कुण मरणो चावै
हिम्मत हारयां
समूचै मानखै री पत जावै।
ओपती फूटरी कद-काठी रो धणी
फूटरा फूटरा दो सींग
चोकस सांतरा सांतरी सा
काया में अणूतो करार
आ सबजी मंडी ओ फड़ बजार
आपरो आपरै बाप रौ।