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जघन्यतम / शैलेन्द्र चौहान

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हवा में
चित्राकृतियाँ विचित्र
तीव्र
ध्वनि तरंगें
मस्तिष्क में
समरूपी रसायन वह
मनुष्य!
हवा...
हवा!
मनुष्य...
हवा!
प्रहारी...
हवा!
शिकारी...
हवा!
कटारी
चित्राकृतियाँ
नराधम नरपिशाचों की
अबोध वध
कितने बाल कंकाल
विरूपी रसायन
लीपा पोती इंटेलीजेंस
निठारी !
निठारी !
निठारी !