Last modified on 20 जुलाई 2018, at 13:32

धुन्धलका /राम शरण शर्मा 'मुंशी'

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:32, 20 जुलाई 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राम शरण शर्मा 'मुंशी' |अनुवादक= |सं...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

चोंच खोल कर
नीला पक्षी एक बड़ा-सा
अभी-अभी पी गया
कटोरा भर उजियाला।
अब डैने फैलाकर बैठा
उखड़े हुए दिवस की
लम्बी मुरझाई डाली के ऊपर,
तलछट नीचे बिखरी
सब कुछ काला-काला !