समंदर है
डबडबाई आंख
धरती मा री
जूनां रै जोसी!
कैनैं मिल्या है पिव,
मरिया बिनां,
मरियोड़ा तो
हुय जावै आजाद
जीवै गुलाम
समंदर है
डबडबाई आंख
धरती मा री
जूनां रै जोसी!
कैनैं मिल्या है पिव,
मरिया बिनां,
मरियोड़ा तो
हुय जावै आजाद
जीवै गुलाम