Last modified on 26 जुलाई 2018, at 19:45

हाइकु 4 / लक्ष्मीनारायण रंगा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 19:45, 26 जुलाई 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लक्ष्मीनारायण रंगा |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

छावै सौरम
आय जावै जणै थूं
यादां झरोखै


साच बोलणो
अपराध करणो,
झूठ नै पूज


उण आंगळ्यां
चिकै रिगत, जिकी
गूंथै माळावां