Last modified on 26 जुलाई 2018, at 20:55

हाइकु 39 / लक्ष्मीनारायण रंगा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:55, 26 जुलाई 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लक्ष्मीनारायण रंगा |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

प्रेम रा तार
जोड़ देवै जीवण
तीनूं लोक सूं

रूंख री डाळ
नीं काटै दूजी डाळ
पण मिनख?

देखूं खुद नैं
काच में अर पूछूं
कुण हूं रै म्हैं ?