बापड़ो काच
नीं देखा पावै कीं भी
आंधी आंख्यां नै
सुण गंधारी!
खोल पाटी नैणां री
समै चेतावै
पून पौंचावै
दूर-दूर फूल रो
गंध-सनेसो
बापड़ो काच
नीं देखा पावै कीं भी
आंधी आंख्यां नै
सुण गंधारी!
खोल पाटी नैणां री
समै चेतावै
पून पौंचावै
दूर-दूर फूल रो
गंध-सनेसो