जीवणी-डावी
आंख, नीं राखो भेद,
बेटे-बेटी क्यूं?
चावै है लोग
बिन पांख हिलायां
आभो छूवणो
जिण भाठै नैं
मिल जावै तरास
मूरत बणै
जीवणी-डावी
आंख, नीं राखो भेद,
बेटे-बेटी क्यूं?
चावै है लोग
बिन पांख हिलायां
आभो छूवणो
जिण भाठै नैं
मिल जावै तरास
मूरत बणै