अेक ई डाळ
पीळा‘र हरा पत्ता
ओ किसो न्याय?
मन साहस
मंजल चाल आवै
पगां रै पास
अस्त हुवतो
सूरज भी रंग दै
आखै आभै नैं
अेक ई डाळ
पीळा‘र हरा पत्ता
ओ किसो न्याय?
मन साहस
मंजल चाल आवै
पगां रै पास
अस्त हुवतो
सूरज भी रंग दै
आखै आभै नैं