आभै री बूंद
पाछी समा जावै है
माटी री गोद
मा तो बस मा
देवता भी तरसै
मा खातर
है कठै घर
गुमग्या सै आंगण
बस होटल
आभै री बूंद
पाछी समा जावै है
माटी री गोद
मा तो बस मा
देवता भी तरसै
मा खातर
है कठै घर
गुमग्या सै आंगण
बस होटल