गंगाजळ है
अे परेम रा आंसू
करै पावन
पड़दो पछै
पड़दो पाछौ उठै
तमासो चालू
साच‘र कूड़
इण रै बिचाळै रै
झीणी पड़त
गंगाजळ है
अे परेम रा आंसू
करै पावन
पड़दो पछै
पड़दो पाछौ उठै
तमासो चालू
साच‘र कूड़
इण रै बिचाळै रै
झीणी पड़त