Last modified on 27 जुलाई 2018, at 12:36

हाइकु 103 / लक्ष्मीनारायण रंगा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:36, 27 जुलाई 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लक्ष्मीनारायण रंगा |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

घर-बा‘रै आ
पण मत खो दिये
नारीपणो थूं


नारी-प्रकृति
रच, अमर हुयो
सृस्टि-रचारो


माॅड बण थूं
माथै बिंदी ना त्याग
भारत-नारी