जोबन हुवै
चढतो सूरज‘र
ढळती छींया
मत रो मन
कद मिल पाया है
राधा-किसन
म्हारो अभाव
सांस-सांस सुळगै
थारो दुहाग
जोबन हुवै
चढतो सूरज‘र
ढळती छींया
मत रो मन
कद मिल पाया है
राधा-किसन
म्हारो अभाव
सांस-सांस सुळगै
थारो दुहाग