हर नारी में
बसी है सै देवियां
जै पैछाणां तो
घर घर में
मिलै है उग्रसेन
पूतां रै पाण
लुगाई तो है
सावण री बादळी
झुरै‘र झुरै
हर नारी में
बसी है सै देवियां
जै पैछाणां तो
घर घर में
मिलै है उग्रसेन
पूतां रै पाण
लुगाई तो है
सावण री बादळी
झुरै‘र झुरै