Last modified on 27 जुलाई 2018, at 14:31

हाइकु 165 / लक्ष्मीनारायण रंगा

आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 14:31, 27 जुलाई 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=लक्ष्मीनारायण रंगा |अनुवादक= |स...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

रोवै जमुना
लै‘र लै‘र काळिया
किसना आ रे


धरा पै नईं
मंगळ पे लड़सा
सांति दूत हां


घूंसले बा‘रै
जा सोनचिड़ी, पण
पांख्यां संभाळ