Last modified on 19 अगस्त 2018, at 22:03

आदमी वो भला नहीं होता / ईश्वरदत्त अंजुम

Abhishek Amber (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:03, 19 अगस्त 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=ईश्वरदत्त अंजुम |अनुवादक= |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

आदमी वो भला नहीं होता
जिस को ख़ौफ़े-ख़ुदा नहीं होता

नहीं होता है मोतबर वो प्यार
जिस में रंगे-वफ़ा नहीं होता

याद करता हूँ उस की रहमत को
जब कोई आसरा नही होता

बात करने को दिल तो करता है
हां मगर हौसला नहीं होता

ये तो हालात की है मजबूरी
वरना कोई बुरा नहीं होता

इश्क़ की बार-गाह में 'अंजुम'
कुछ ज़बां से अदा नहीं होता।