उत्तर रामभक्त हैं वे
`मांग के खइबो मजीद के सोइबो´
लिखने वाले तुलसीदास के
रामचरित मानस में
रम नहीं रहा उनका मन
अब वे
ख़ुद रचना चाहते हैं, राम को
और मज़बूती से चिन देना चाहते हैं
रामशिलाओें के बीच
घट-घट वासी राम
अब नहीं रहे शायद !
उत्तर रामभक्त हैं वे
`मांग के खइबो मजीद के सोइबो´
लिखने वाले तुलसीदास के
रामचरित मानस में
रम नहीं रहा उनका मन
अब वे
ख़ुद रचना चाहते हैं, राम को
और मज़बूती से चिन देना चाहते हैं
रामशिलाओें के बीच
घट-घट वासी राम
अब नहीं रहे शायद !