- लहर सागर का नहीं श्रृंगार / हरिवंशराय बच्चन
- जानकर अनजान बन जा / हरिवंशराय बच्चन
- कैसे भेंट तुम्हारी ले लूँ / हरिवंशराय बच्चन
- क्या है मेरी बारी में / हरिवंशराय बच्चन
- वह नभ कंपनकारी समीर / हरिवंशराय बच्चन
- लो दिन बीता, लो रात गयी / हरिवंशराय बच्चन
- दोनों चित्र सामने मेरे / हरिवंशराय बच्चन
- चाँद-सितारों मिलकर गाओ / हरिवंशराय बच्चन
- इतने मत उन्मत्त बनो / हरिवंशराय बच्चन
- क्या करूँ संवेदना लेकर तुम्हारी / हरिवंशराय बच्चन
- काल क्रम से- / हरिवंशराय बच्चन
- मैं जीवन का शंका महान / हरिवंशराय बच्चन